केंद्र सरकार द्वारा देश के डाक घरों को बैंक बनाना शुरू कर दिया गया है। इसके तहत सभी डाक घरों को सीबीएस तकनीक से जोड़ा जा चुका है। लेकिन अभी इसमें और कार्य किया जाना बाकी है।
वैसे तो केंद्र सरकार के निर्देश पर डाक विभाग ने अपने सभी पोस्ट ऑफिसों को आधुनिक करना शुरू कर दिया है। ग्राहकों को पूरी सुविधा भी दी जा रही हैं, फिर भी कहीं न कहीं इस तरफ और काम किया जाना बाकी है।
सदर क्षेत्र में बैंकर्स स्ट्रीट उप डाक घर के पोस्टमास्टर ने बताया कि सरकार और विभाग के दिशा निदेशार्नुसार कार्य किया जा रहा है। ग्राहकों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा जा रहा है। लेकिन कार्यालयों में वर्क लोड बढ़ गया है। इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ होना चाहिए। अभी हाल में उनके कार्यालय में दो लोगों का स्टाफ है। इनमें एक वे खुद हैं और दूसरा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। पोस्टमास्टर का कहना है कि अभी उनके कार्यालय में एक कंप्यूटर सिस्टम है, अभी यहां दो हेल्पर और इतने ही सिस्टम की जरूरत है। स्टाफ को कंप्यूटर की बेसिक जानकारी होनी चाहिए। तब कहीं जाकर वर्कलोड कम हो सकता है और ग्राहकों को और बेहतर सुविधाएं दी जा सकती हैं। ये हालत शहर के 99 प्रतिशत उप डाक घरों की है। एक किलोमीटर के दायरे में करीब चार उप डाक घर हैं। यदि उनको साथ मिलाकर एक सब पोस्ट ऑफिस बना दिया जाए तो कर्मचारियों की कार्य क्षमता भी बढ़ेगी और कार्यभार भी कम होगा। पोस्ट ऑफिसों में कमजोर कनेक्टिविटी के कारण सीबीएस सिस्टम पूरी तरह कार्य नहीं कर पाता, जिससे कार्य करने में व्यवधान पड़ता है। इसमें भी सुधार की आवश्यकता है।
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