महानगर में ई-रिक्शा लूट करने वाला गिरोह सक्रिय हैं। चालकों को नशीला पदार्थ खिलाकर लुटेरे अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। हाल ही में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, लेकिन पुलिस गिरोह पर शिकंजा नहीं कस पा रही। इसका सबसे बड़ा कारण ई-रिक्शों का रजिस्ट्रेशन न होना हैं। भारतीय ई-रिक्शा एसोसिएशन ने गत दिनों शहर के ई-रिक्शाओं पर नम्बर अंकित किए, लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं हुआं। हालांकि गत दिनों ई-रिक्शा लूट करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को लिसाड़ीगेट पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हाल ही में ई-रिक्शा की ऐसी कई घटनाएं हुई हैं। जिन्होंने कई घटनाओं को करना स्वीकार किया था।
केस नम्बर-01, जनपद शामली के कांधला निवासी शहजाद सलमानी श्याम नगर में परिवार संग किराए के मकान में रहता हैं। वह ई-रिक्शा चलाता है। एक माह पूर्व शहजाद बेहोशी की हालत में थाना टीपी नगर के पास कमला नगर गेट के पास पड़ा मिला। उसकी ई-रिक्शा पास में ही खड़ी थी, जबाकि रुपये व मोबाइल जेब में थे। परिजनों ने पुलिस को सूचना देकर शहजाद को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया। होश आने पर शहजाद ने बताया कि उसको तीन लोगों ने चाय पिलाई थी, जिसके बाद वह बेहोश हो गया।
केस नम्बर-02, इत्तेफाक नगर निवासी मोमिन ई-रिक्शा चलाता है। उसने पत्नी के जेवर गिरवी रखकर ई-रिक्शा खरीदा था। दो माह पूर्व हापुड़ अड्डे से गिरोह के लोगों ने ई-रिक्शा बुक किया और उसको नशीला पदार्थ खिलाकर ई-रिक्शा लूट लिया। वारदात के तीन दिन बाद मोमिन बेहोशी की हालत में परिजनों को मिला। लिसाड़ीगेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन आज तक लुटेरों को पता नहीं चल सका।
केस नम्बर-03, 9 दिसमर को अज्ञात बदमाशों ने ई-रिक्शा से लदा कैंटर लूट लिया था, जिसका खुलासा पुलिस आज तक नहीं कर सकी। कांच का पुल निवासी चालक शौकीन पुत्र नासिर कैंटर को लेकर दिल्ली से उत्तम नगर जा रहा था। मेवला फाटक के पास बाइक सवार चार बदमाशों ने बंधक बनाकर उसको फेंक दिया था और कैंटर लेकर पावली की ओर फरार हो गए थे।
केस नम्बर-04, टीपी नगर थाना क्षेत्र के नई बस्ती निवासी संजीव त्यागी जेल रोड रूट पर ई-रिक्षा चलाता था। 11 फरवरी की सुबह उसका शव अब्दुल्लापुर स्थित काली नदी में शव मिला। लुटेरों ने नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर ई-रिक्षा लूट के बाद हत्या कर उसके शव को नदी में फेंक दिया था।
गिरोह के चार सदस्य पकड़े, मगर नहीं रूक रही घटनाएं-
गत दिनों लिसाड़ीगेट पुलिस ने ई-रिक्शा लुटने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था। जिन्होंने दर्जनों वारदात करना कबूल किया था। इस गुडवर्क पर पुलिस भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन वारदातें नहीं रूक रही। खुशहाल गार्डन निवासी इरफान, तारापुरी निवासी निसार, रशीद नगर निवासी हुमायूं के साथ भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।
ई-रिक्शा कम्पनी ने किया बड़ा धोखा-मुर्तजा खान
भारतीय ई-रिक्शा एसोसिएशन के अध्यक्ष मुर्तजा खान ने बताया कि ई-रिक्शा कम्पनी ने सरकार और जनता के साथ धोखा किया। बिना रजिस्ट्रेशन के ई-रिक्शा को सड़क पर उतार दिया। इसके अलावा 40 हजार में तैयार होने वाली ई-रिक्शा को 65 हजार से लेकर एक लाख तक में बेचा जा रहा हैं। कम्पनी बिल बैट्री और मोटर के बनाकर दे रही हैं, बिना रजिस्ट्रेशन के सरकार को भी राजस्व का चूना लगाया जा रहा हैं।
मेरठ में 24 हजार तो हरियाणा में 2700 रजिस्ट्रेशन की फीस-
सड़कों पर भारी तादाद में दौड़ रहे ई-रिक्शाओं का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा। मुर्तजा खान का कहना है कि मेरठ आरटीओ रजिस्ट्रेशन के नाम पर 24 हजार रुपये मांग रहा हैं, जबकि वैट फ्री होने के कारण दिल्ली में इसकी फीस 3300 रुपये हैं। राजस्थान में तीन हजार व हरियाणा में 2700 रुपये हैं, जबकि यूपी में वैट फ्री नहीं है। उनकी मांग है कि वैट फ्री हो और ई-रिक्शा चालकों को नगर निगम बिल्ला दे तथा नम्बर डाले जाए। चेसिस व बॉडी नम्बर मिले और बिना रजिस्ट्रेशन के ई-रिक्शाओं पर रोक लगे। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को पत्र लिखा हैं।
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