वेस्ट की राजनीति में मुख्य भूमिका निभाने वाले तथा भाजपा का मजबूत वोट बैंक माने जाने वाले वैश्य समाज को इस बार भी केन्द्रीय मंत्रीमंडल के विस्तार में मायूसी हाथ लगी। माना जा रहा था कि इस बार पीएम मोदी वेस्ट की राजनीति मै अच्छी पकड रखने वाले लगातार दूसरी बार मेरठ-हापुड सीट से सांसद बने राजेन्द्र अग्रवाल को मंत्रीमंडल में जगह दे सकते है। जिसे लेकर वैश्य समाज के लोग काफी उत्साहित दिख रहे थे किंतु इस बार भी मंत्रीमंडल में किसी वैश्य को जगह न मिलने से भाजपा से जुडे वैश्य कार्यकर्ता काफी नाराज से दिख रहे है।
उनका कहना है कि चुनाव में भाजपा को मजबूती प्रदान करने में वैश्य समाज का बहुत बडा योगदान होता है।
किंतु हर बार वैश्य समाज से जुडे जनप्रतिनिधि को नकार दिया जाता है। कुछ वैश्य नेताओं ने तो यहंा तक कहा कि यदि इसी प्रकार से वैश्य समाज के नेताओं के भाजपा द्वारा उपेक्षा की जाती रही तो उसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भाजपा को उठाना पड सकता है। आपको बता दें की जिस प्रकार से लोकसभा चुनाव में सांसद राजेन्द्र अग्रवाल दूसरी बार संसद में मेरठ का प्रतिनिधित्व कर रहे है उसी प्रकार से कैंट की वि0सभा सीट पर पिछले काफी सालों से वैश्य समाज के ही सत्यप्रकाश अग्रवाल भाजपा का परचम लहराते नजर आ रहे है। इनसे पूर्व अमित अग्रवाल द्वारा व शशी मित्तल व परमात्मा शरण मित्तल द्वारा इस सीट पर भाजपा का परचम फहराया जाता रहा है।
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