शासन द्वारा 1982 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक सिंघल को सूबे का नया मुख्य सचिव बनाये जाने पर इसकी सबसे ज्यादा खुशी मेरठ के लोगों को हो रही है। क्योकि दीपक सिंघल का मेरठ से गहरा पुराना नाता है। वे मेरठ में डीएम और कमिश्नर के अलावा अन्य कई पदों पर तैनात रह चुके हैं। अपनी कुशल व मिलनसार कार्यशैली के कारण वह मेरठ में काफी लोकप्रिय अधिकारी के रूप मंे जाने जाते है। अपने मेरठ के कार्यकाल के दौरान श्री सिंघल ने ऐसे कई कार्य किये थे जिसकी वजह से यहां की जनता आज भी उन्हे याद करती है तथा स्वयं श्री सिंघल भी का आज भी मेरठ के लोगों से उतना ही लगाव व प्यार है तथा समय-समय पर वह यहां पर अपने परिचितों से मिलने आ जाते है।
नये मुख्य सचिव दीपक सिंघल की यदि मेरठ की पोस्टिंग पर नजर डाले तेा वह जनपद में मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी भी रहे हैं। उनके कार्यकाल में ही एमडीए ने शताब्दीनगर योजना लांच की थी। वे 9 जून 1995 से 18 जुलाई 1997 तक मेरठ के डीएम रहे। इसके अलावा 7 अगस्त 2000 से 15 जून 2002 तक वे मेरठ मंडल के कमिश्नर के पद पर तैनात रहे।
अपनी कार्यशैली के कारण उनकी एक अलग ही छाप यहां पर रही। श्री सिंघल यहां पर सबसे पहले नगर महापालिका (वर्तमान में नगर निगम) में मुख्य नगर अधिकारी (नगर आयुक्त) के पद पर भी कार्य कर चुके है। जिस प्रकार से दीपक सिंघल अपनी कुशल कार्यशैली के कारण मेरठ में प्रसिद्ध रहे उसी प्रकार से उनकी पत्नी अनिता (डोली) सिंघल भी समाजसेवा के क्षेत्र में आगे रही। मेरठ में जिस समय दीपक सिंघल कमिश्नर के पद पर आसीन रहे उस समय उनकी पत्नी द्वारा आफीसर्स लेडिस क्लब आकांक्षा समिति के बैनर तले समाजसेवा से जुडे कई ऐसे कार्य किये जिन्हे यहां के लोग आज भी याद करते है।
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