अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले मंगलवार को पीपी कांफ्रेंस हॉल एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें नौ राज्यों के जाटों को आरक्षण दिए जाने पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन में 18 जाटों ने अपना बलिदान दिया तो सैंकड़ों लोग घायल हुए और हजारों जाट जेलों में बंद है। केंद्र सरकार ने फर्जी मुकदमें लगाकर अपनी मंशा जाहिर कर दी। कहा कि आगामी चुनाव में केंद्र सरकार को वोट की चोट से जवाब दिया जाएगा। उक्त विचार अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने व्यक्त किए।
मंगलवार को पीपी काफ्रेंस हॉल आबूलेन हुई बैठक में कहा कि नौ राज्यों में जाटों को केंद्र में आरक्षण मिलने के बाद पंजाब के जाटों को भी आरक्षण मिल जाएगा। जाट समुदाय लंबे समय से आरक्षण की मांग करता आ रहा है। जाट आरक्षण आंदोलन की तपीस से पूरा हरियाणा झुलस गया था। केंद्र सरकार ने जाट समुदाय के साथ धोखा किया है। जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। आरक्षण की मांग को लेकर कई बार जाट आरक्षण समिति के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की, लेकिन खाली आश्वासन के कुछ नहीं मिला। अगर जल्द ही केंद्र सरकार ने जाटों को आरक्षण नहीं दिया तो आगामी विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार को वोट की चोट से जवाब दिया जाएगा।
महिला विंग की नीरा तोमर ने कहा कि अब वह समय आ गया है जब महिलाओं को आरक्षण के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए आंदोलन में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ानी होगी। हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब सहित उत्तर प्रदेश में आगामी विधान सभा चुनाव में भाजपा की सरकार के खिलाफ बिगुल बजाना होगा। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष मानवेंद्र वर्मा, जिलाध्यक्ष धर्मपाल सदर, अमरदीप पंवार, रिचा, भीम सिंह प्रधान आदि मौजूद रहे।
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