करीब एक माह से जानलेवा हमलारोंपी एक दर्जन से अधिक युवक गांव में खुलेआम घूमकर पीड़ितों को धमकी दे रहे है। थाने में गुहार लगाने के बाद भी थाना पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जिसके चलते मंगलवार को दर्जनों महिलाएं व पुरूष पुलिस कार्यालय पहुंचे ओर थाना पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। एसएसपी ने निष्पक्ष कार्रवाई के निर्देश दिए है।
मामला भावनपुर थानाक्षेत्र के गांव अब्दुल्लापुर का है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि गत 9 मई को गांव में मोनू पुत्र महेन्द्र प्रजापति के घर पर लड़का पैदा होने की खुशी में कुंआ पूजन किया जा रहा है। इस दौरान आए रिश्तेदारों ने डीजे बजा रखा था। तभी फारूख, उसके पुत्र और जब्बार, शाहरूख समेत दो दर्जन से अधिक युवक वहां पर आए और डीजे बंद करने की बात कहने लगे। इस उन्होंने डीजे की आवाज बंद कम कर दी, लेकिन दूसरे समुदाए के युवक नहीं माने और गाली-गलौंच करते हुए पथराव कर दिया। इस मामले में बवाल की सूचना पर दो थाने की पुलिस फोर्स ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया था।
पीड़ित पक्ष ने बताया कि पथराव के दौरान अशोक प्रजापति, मोनू, जोगेन्द्र, बाबूराम सहित आधा दर्जन व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने दूसरे पक्ष के 22 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने महज दो लोगों को ही जेल भेजा है। अब वह लोग पीड़ित पक्ष को समझौते करने के लिए जान से मारने की धमकी दे रहे है, जिस कारण पीड़ित पक्ष दहशत में है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी बताया कि भावनपुर पुलिस ने नामजद कई लोगों नाम रूपये लेकर काट दिए है और गांव में खुूलेआम घूम रहे आरोपियों को भी गिरफ्तार नहीं कर रहे है। एसएसपी ने इस मामले में न्यायोचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। प्रदर्शनकारियों में सतीश, दिनेश, सीमा, पूनम, ब्रिजेश, विमलेश, सुरेश, महावीर, सोनू आदि शामिल रहे।
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