सरूरपुर राजवाहे की पटरी के रास्ते नावला से पुरा महादेव जाने वाला केसरिया रंग से रंग गया है यहाँ से भोलों के गुजरने का सिलसिला जोरों पर चल रहा है। पटरी पर जगह-जगह भोलों की सेवा में शिविर लगाए गए हैं। वहीं शिव भक्तों की सेवा में मुस्लिम लोगों ने भी भाई चारे की मिसाल पेश करते हुए कांवडियों की सेवा में चिकित्सा शिविर लगा रखा है। गांव जसड़ निवासी डॉ. फुरकान, मुर्सलीन, प्रधान पुत्र प्रवेज व फुरकान हाफिज आदि ने पिछले तीन सालों से सरूरपुर रजवााहे की पटरी पर चिकित्सा शिविर लगाने का बीड़ा उठा रखा है। हर वर्ष की भांति इस बार भी सभी लोगों ने भाई चारे व एकता की मिसाल पेश करते हुए रजवाहे की पटरी से गुजर रहे हजारों कांवडियों की दवाईयों आदि से सेवा करके अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं।
दाढ़ी टोपी में शिवभक्तों की सेवा करके जहां उन्हें असीम शांति मिलती है वहीं उन्हें देखकर हजारों भोलों को भी उनके हाथों से सेवा पाकर सुख मिलता है। सेवा शिविर में दिलो जान से रात-दिन सेवा करके पुण्य लाभ कमा रहे मुस्लिमों को देखकर इलाके के लोगों ने उनकी भी प्रशंसा करते हुए इसे आपसी भाई चारे और सौहार्द पेश करने पर हौसला अफजाई की है। इस बारे में मुसर्लनीन पंवार बताते हैं कि चिकित्सा शिविर के अलावा उनका यहां लगे भंडारे में भी विशेष योगदान रहता है और इसे आगामी कांवड के दौरान और बड़ा करके बढ़ाया जाएगा। इस आपसी सौहार्द और भाई चारे की मिसाल को अधिकारियों ने भी सराहा है।
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