बंगला नंबर 210 बी के आरआर मॉल को कैंट बोर्ड की टीम ने शनिवार तड़के ध्वस्त कर दिया। इस दौरान मॉल के मलबे में पांच लोगों के दबने से चीखपुकार मच गई। करीब दो घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद चार शव बाहर निकाले जा सके। जबकि एक गंभीर घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया। चार मंजिला विशाल इमारत का ध्वस्तीकरण अनट्रेंड स्टाफ ने किया। जिससे पूरी बिल्डिंग अचानक ढह गई।
और कैंट बोर्ड के लोग भी इसकी चपेट में आने से बच गए। कैंट बोर्ड प्रशासन और पुलिस की घोर लापरवाही को लेकर जनता में तीव्र आक्रोश भड़क गया। काफी हंगामे के बाद कैंट बोर्ड के सीईओ सहित छह अफसरों के खिलाफ हत्या व अन्य धाराओं में नामजद केस दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने सीईई अनुज चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, सीईओ की गिरफ्तारी के लिए रक्षा मंत्रालय से अनुमति मांगी जा रही है।
छावनी एरिया स्थित और आबूलेन से सटा बंगला नंबर 210 बी विगत 22 वर्षों से विवादित है। बीती तीन जून को रक्षा मंत्रालय ने कैंट बोर्ड के सीईओ को बंगला नंबर 210 बी के परिसर में बना आरआर मॉल ध्वस्त करने के निर्देश दिए थे।
शनिवार तड़के करीब 4:15 बजे कैंट बोर्ड, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी टीम के साथ आरआर मॉल पहुंचे। करीब 5:12 बजे दो जेसीबी और एक पोर्कलेन मशीन से तीन मंजिला इमारत के सभी पिलर कच्चे कर दिए गए।
इस दौरान मॉल परिसर में स्थित पंडित जी नान वालों की दुकान के मालिक अरविंदपुरी सदर निवासी दीपक शर्मा और उनके पुत्र हनी शर्मा दुकान में सो रहे लवकुश शर्मा मूल निवासी गांव सखेड़ा थाना बिलसाराम हरदोई के अलावा कर्मचारी बिट्टू शर्मा निवासी सदर को जगाने दुकान में घुस गए।
उन्हें रोकने के लिए वहां मौजूद होमगार्ड ओमवीर सिंह निवासी सिंभावली हापुड़ भी उनके पीछे दौड़ा। अचानक अंतिम पिलर तोड़ते ही विशाल इमारत भरभराकर गिर गई। इस दौरान यह दुकान भी मलबे में तब्दील हो गई। जिसमें पांच लोग मलबे में दब गए। जिसके बाद वहां चीख पुकार मच गई।
करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद पांचों लोगों को मलबे से निकाला जा सका। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। दीपक, हनी, लवकुश और ओमवीर को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि बिट्टू को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस भीषण हादसे के बाद लोगों का आक्रोश भड़क गया। काफी हंगामे पर बिल्डर आनंद प्रकाश अग्रवाल की तहरीर पर कैंट बोर्ड सीईओ राजीव श्रीवास्तव, सीईई अनुज सिंह, सहायक अभियंता पीयूष गौतम, अवर अभियंता अवधेश यादव, योगेश यादव, अरविंद गुप्ता सहित अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ हत्या और अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई।
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