लगता है अपने विभाग के एक कर्मी को खो देने के बाद में सड़को पर डयूटी पर लगे कर्मियो को अभी कोई भय नही रहा है। जान को ताक पर रख कर वह अभी राजमार्गों पर गुजारने वाले वाहनों से अवैध वसूली करने से बाज नही आ रहे है। ये हालत तो तब जब डीआईजी व एसी ट्रेफिक अपने विभाग के कर्मचारियो को वसूली न करने की सख्त हिदायत दे चूके है। कहावत है कैमरा कभी भी झूठ नहीं बोलता।
बताते चले थाना कंकरखेडा़ के रूड़की रोड़ पर डौलरी के पास एक ट्रक से अवैध वसली के चलते ट्रेफिक विभाग के एक पुलिस कर्मी व एक होमगार्ड की र्ददनाक मौत हो गयी थी। उस घटना के बाद उच्च अधिकारियों ने ट्रेफिक विभाग व सभी थानेदारो को निर्देश दिये थे कि वाहनों से अवैध वसूली करने वाले पुलिस कर्मियो को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाही करे। इस संबध मे एसपी ट्रेफिक ने बकायदा अपने विभाग के कर्मयारियों के साथ बैठक कर साफ लफ्जो में कहा था कि किसी हालत मे डयूटी को ठीक ढग़ निर्वाह करे। लेकिन बैठक के बाद विभाग के कर्मी सब कुछ भूल कर अपने पुराने कार्य में फिर लिप्त हो गये।
सोती गंज के पास के तेल डिपो से निकल रहे कई पुलिस कर्मी अवैध वसूली करने में नम्बर वन है। जब उनका फोटो खींचने का प्रयास किया तो वह कैमरा देखते ही भाग खड़े हुए।
बिजली बंबा पाई पास के पास तैनात एक पुलिस कर्मी एक मारूति वैन के पीछा दौडा जा रहा था कुछ ही दुरी पर उसने कार को रोक लिया। कार चालक से अवैध वसूली कर व जैसे पलटा तो कैमरामैन को देख सकपका गया ओर अपना चेहरा छिपाने को प्रयास किया। जब उससे पूछताछ की गयी तो उसने कहा कार वाले उसके परिचित थे। जब उससे नाम पूछने का प्रयास किया तो वह वहां से भाग निकला। यहीं नहीं परतापुर बाई पास पर कुछ पुलिस कर्मी आने जाने वाहनो को रोककर अवैध वसूली कर रहे थे जिसके कारण वाहनो की लाइन लग गयी।
वहां पर भी पुलिस कर्मी कैमरे को देखकर वहां से भाग खड़े हुए। जब ट्रक चालकों से इस बारे मे पूछा गया तो उनका साफ कहना था साहब! सड़क पर चालने के लिये सुविधा शुल्क देना मजबूरी है, नहीं देगे तो बिना कारण के वाहनो को थाने मे कई दिन तक वहां खड़ा रखेंगे। इससे बेहतर है कि 20 रूपये देकर छुटकारा तो मिल जाता है। यह हाल यहीं पर नहीं है, इसके अलावा बेगमपुल, तेजगढ़ी चौराहा, साकेत चौपला, भैंसाली रोडवेज अड्डा आदि स्थानों पर समय मिलते ही ट्रेफिक पुलिस अवैध वसूली करने से बाज नहीं आती है।
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