विक्की ने रची पटकथा, सचिन ने दिया अंजाम
शास्त्रीनगर ट्रिपल मर्डर की पटकथा विकास उर्फ विक्की ने रची और उसको अंजाम सचिन उर्फ टीनू ने दिया। विक्की का मकसद रिया की हत्या कराना था। जबकि सचिन लाखों रुपये की लूट करके कर्जा उतराना चाहता था। सचिन ने अपने दोस्त उदय सिंह के साथ मिलकर सनसनीखेज तिहरे हत्याकांड को अंजाम दे दिया।
दोस्त के बाद बना कॉलगर्ल का दलाल
कोतवाली के ठठेरवाड़ा निवासी विकास माहेश्वरी उर्फ विक्की पुत्र आरएल महेश्वरी चाट बाजार सदर के पास फूल बेचने का काम करता था। जहां डेढ़ साल पहले विक्की की मुलाकात रिया उर्फ रेनू निवासी शेरगढ़ी से हुई थी। विक्की को जब कहीं से पता चला कि रिया कॉल गर्ल है तो उसने उसका मोबाइल नंबर ले लिया था। उसने ग्राहक बनकर उससे बात की तो मुलाकात का सिलसिला चल पड़ा। संबंध बनने के बाद रिया ने विक्की को अपना दलाल बना लिया। विक्की कमीशन पर उसके लिए ग्राहक लाने लगा।
ऑफलाइन किया तो लिया कत्ल का फैसला
विक्की से लगाकर टच में रहने वाली रिया उसे बाईपास कर ग्राहकों को सीधे अपना फोन नंबर देने लगी। उसने ग्राहकों से सीधा मिलना शुरू कर दिया। यहां तक कि रिया ने विक्की को भाव देना बंद कर दिया था। उसकी कॉल भी रिसीव करना बंद कर दीं। रिया की यह बेरुखी विक्की को गवारा नहीं हुई। विक्की ने रिया को सबक सिखाने के बजाय उसके कत्ल का फैसला कर डाला।
हालात का उठाया फायदा
इसके लिए उसने अपने दोस्त सचिन उर्फ निक्की निवासी माधवपुरम सेक्टर-3 ब्रह्मपुरी से मुलाकात की। सचिन कुछ दिन पहले आईपीएल के सट्टे में तीन लाख रुपये हार गया था। सचिन पर कर्जा हो गया था, जिसका फायदा विक्की ने उठाया।
'मेरा काम करो, बहुत पैसा मिलेगा'
बीती पांच जून को सचिन घर से लड़कर विक्की के पास पहुंचा। विक्की से बोला कि पैसा कमाने का तरीका बताओ। यह सुनकर विक्की ने कहा कि मेरा काम कर दो, बहुत पैसा मिलेगा। विक्की ने कहा कि एक लड़की की हत्या करनी होगी। सचिन ने उसकी बात स्वीकार कर ली और वारदात को अपने तरीके से अंजाम देने की बात कहकर चला गया।
योजना में जुड़ा दोस्त उदयवीर
सचिन सक्सेना मूल रूप से गंगापार फैजान रोड बारादरी बरेली का निवासी है। उसका परिवार करीब 12 साल पहले माधवपुरम में आकर रहने लगा। सचिन 10 जून को बरेली गया और 15 जून को राज्यरानी एक्सप्रेस से अपने बचपन के दोस्त उदयवीर निवासी बरेली के साथ मेरठ लौटा।
आंखों में उतार लो रिया का चेहरा
दोनों की मुलाकात विक्की से हुई। सचिन ने जब पूछा कि बताओ, किसकी हत्या करनी है तो विक्की ने उसे रिया का फोटो दिखाते हुए कहा कि गौर से देख लो इसे। इसका चेहरा अपनी आंखों में उतार लो। इसे ही खत्म करना है। यह शास्त्रीनगर में बीमा कंपनी के मैनेजर के घर में रहती है। इसके पास बहुत पैसा है। उसको तुम ले लेना। मुझे बस इसकी जान चाहिए। विक्की ने 18 जून को रिया की हत्या करनी तय कर दी।
ग्राहक बनकर किया संपर्क
विक्की ने 17 जून को तारापुरी, लिसाड़ीगेट से सिम खरीदा। 18 जून को इसी नए नंबर से रिया को कॉल की। रिसीव नहीं होने पर उसने मेसेज किया। तो रिया ने कॉल रिसीव कर ली। तब सचिन ने ग्राहक बनकर रिया से बात की। मिलने की बात की तो रिया ने शास्त्रीनगर सेक्टर पांच में चंद्रशेखर के घर का पता बताया।
'टोपी पहनकर आना'
सचिन और उदयवीर को स्कूटी पर लेकर शाम 4:10 बजे विक्की शास्त्रीनगर पहुंचा। विक्की ने चंद्रशेखर के घर के पास दोनों को छोड़ दिया। रिया ने सचिन को बताया था कि टोपी पहनकर आना, जिससे वह उनकी पहचान करेगी। सचिन टोपी पहनकर पहुंचा। चंद्रशेखर ने दरवाजा खोला तो रिसीव करने रिया गेट पर आई। जिसके पीछे-पीछे सचिन और उदयवीर ड्राइंग रूम में पहुंचे।
'सचिन तुम अंदर आओ'
ड्राइंग रूम में पहुंचते ही रिया बोली कि सचिन तुम बेडरूम में आओ। रेट तय होने पर सचिन ने रिया को 12 सौ रुपये और चंद्रशेखर की पत्नी पूनम को 500 रुपये दे दिए। बेडरूम में रिया और सचिन ही थे। पूनम ने जब कंडोम लाकर दिया तो सचिन ने चंद्रशेखर को थोड़ी देर के लिए घर से किसी तरह बाहर करने के लिए कह दिया कि मुझे दूसरी कंपनी का चाहिए। जिस पर रिया ने सचिन से चंद्रशेखर को 100 रुपये दिलवाए और चंद्रशेखर पैकेट लेने बाजार चला गया।
दोनों ने खेली खून की होली
रिया जब पूरी तरह नग्न अवस्था में बेड पर लेटी तो सचिन ने बिना मौका गंवाए उसके सीने में चाकू घोंप दिया। रिया चिल्लायी तो पूनम बेडरूम में दौड़कर पहुंची। उसके पीछे-पीछे उदय भी ड्राइंग रूम से पहुंच गया। सचिन जब रिया के शरीर पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर रहा था तो पूनम बाहर की तरफ दौड़ी तो उदय से टकरा गई। उदय ने उसे वहीं बेड के पास गिराकर चाकू से उसका गला रेत दिया। बेड पर रिया और नीचे फर्श पर पूनम तड़पने लगी। दोनों महिलाओं को एक बार फिर चाकू से फिर गोदा गया।
चलो अब सामान लूटते हैं
रिया और पूनम को कत्ल करने के बाद सचिन और उदय ने घर की अलमारियों से नकदी और जेवरात तलाशने शुरू किए। लेकिन काफी तलाश के बाद कुछ खास हाथ नहीं लगा।
एलसीडी से छुपाया खून
दोनों कातिलों के कपड़े खून से सने हुए थे। उन्होंने ड्राइंग रूम में लगी एलसीडी को उतारा और रिया की स्कूटी की चाबी उठकर चलने लगे। लेकिन चंद्रशेखर बाहर से मकान में ताला लगा गया था। दरवाजा नहीं हुआ तो दोनों आरोपी गुस्से में वहीं बैठ गए।
उसे भी मार डालेंगे
करीब 25 मिनट बाद चंद्रशेखर जब घर पहुंचा तो गेट खुलते ही दोनों अलर्ट हो गए। चंद्रशेखर के अंदर घुसते ही दोनों ने उसे ड्राइंग रूम में ही दबोच लिया और चाकू से काट डाला। उसके बाद रिया की स्कूटी पर बैठे और एलसीडी लेकर वहां से फरार हो गए। पोस्टमार्टम के दौरान चंद्रशेखर के कपड़े की जेब से वही पैकेट मिला था।
सराय लाल दास पहुंचे
वारदात के बाद दोनों रिया की स्कूटी से सरायलाल दास देहली गेट पहुंचे। जहां विक्की का पुराना मकान है। दोनों ने कपड़े बदले। उसके बाद विक्की ने घंटाघर स्थित एक होटल में अमित के नाम से कमरा बुक कराया। जहां सचिन और उदयवीर दो दिन रुके। उसके बाद हरिद्वार चले गए।
कोतवाली के ठठेरवाड़ा निवासी विकास माहेश्वरी उर्फ विक्की पुत्र आरएल महेश्वरी चाट बाजार सदर के पास फूल बेचने का काम करता था। जहां डेढ़ साल पहले विक्की की मुलाकात रिया उर्फ रेनू निवासी शेरगढ़ी से हुई थी। विक्की को जब कहीं से पता चला कि रिया कॉल गर्ल है तो उसने उसका मोबाइल नंबर ले लिया था। उसने ग्राहक बनकर उससे बात की तो मुलाकात का सिलसिला चल पड़ा। संबंध बनने के बाद रिया ने विक्की को अपना दलाल बना लिया। विक्की कमीशन पर उसके लिए ग्राहक लाने लगा।
ऑफलाइन किया तो लिया कत्ल का फैसला
विक्की से लगाकर टच में रहने वाली रिया उसे बाईपास कर ग्राहकों को सीधे अपना फोन नंबर देने लगी। उसने ग्राहकों से सीधा मिलना शुरू कर दिया। यहां तक कि रिया ने विक्की को भाव देना बंद कर दिया था। उसकी कॉल भी रिसीव करना बंद कर दीं। रिया की यह बेरुखी विक्की को गवारा नहीं हुई। विक्की ने रिया को सबक सिखाने के बजाय उसके कत्ल का फैसला कर डाला।
हालात का उठाया फायदा
इसके लिए उसने अपने दोस्त सचिन उर्फ निक्की निवासी माधवपुरम सेक्टर-3 ब्रह्मपुरी से मुलाकात की। सचिन कुछ दिन पहले आईपीएल के सट्टे में तीन लाख रुपये हार गया था। सचिन पर कर्जा हो गया था, जिसका फायदा विक्की ने उठाया।
'मेरा काम करो, बहुत पैसा मिलेगा'
बीती पांच जून को सचिन घर से लड़कर विक्की के पास पहुंचा। विक्की से बोला कि पैसा कमाने का तरीका बताओ। यह सुनकर विक्की ने कहा कि मेरा काम कर दो, बहुत पैसा मिलेगा। विक्की ने कहा कि एक लड़की की हत्या करनी होगी। सचिन ने उसकी बात स्वीकार कर ली और वारदात को अपने तरीके से अंजाम देने की बात कहकर चला गया।
योजना में जुड़ा दोस्त उदयवीर
सचिन सक्सेना मूल रूप से गंगापार फैजान रोड बारादरी बरेली का निवासी है। उसका परिवार करीब 12 साल पहले माधवपुरम में आकर रहने लगा। सचिन 10 जून को बरेली गया और 15 जून को राज्यरानी एक्सप्रेस से अपने बचपन के दोस्त उदयवीर निवासी बरेली के साथ मेरठ लौटा।
आंखों में उतार लो रिया का चेहरा
दोनों की मुलाकात विक्की से हुई। सचिन ने जब पूछा कि बताओ, किसकी हत्या करनी है तो विक्की ने उसे रिया का फोटो दिखाते हुए कहा कि गौर से देख लो इसे। इसका चेहरा अपनी आंखों में उतार लो। इसे ही खत्म करना है। यह शास्त्रीनगर में बीमा कंपनी के मैनेजर के घर में रहती है। इसके पास बहुत पैसा है। उसको तुम ले लेना। मुझे बस इसकी जान चाहिए। विक्की ने 18 जून को रिया की हत्या करनी तय कर दी।
ग्राहक बनकर किया संपर्क
विक्की ने 17 जून को तारापुरी, लिसाड़ीगेट से सिम खरीदा। 18 जून को इसी नए नंबर से रिया को कॉल की। रिसीव नहीं होने पर उसने मेसेज किया। तो रिया ने कॉल रिसीव कर ली। तब सचिन ने ग्राहक बनकर रिया से बात की। मिलने की बात की तो रिया ने शास्त्रीनगर सेक्टर पांच में चंद्रशेखर के घर का पता बताया।
'टोपी पहनकर आना'
सचिन और उदयवीर को स्कूटी पर लेकर शाम 4:10 बजे विक्की शास्त्रीनगर पहुंचा। विक्की ने चंद्रशेखर के घर के पास दोनों को छोड़ दिया। रिया ने सचिन को बताया था कि टोपी पहनकर आना, जिससे वह उनकी पहचान करेगी। सचिन टोपी पहनकर पहुंचा। चंद्रशेखर ने दरवाजा खोला तो रिसीव करने रिया गेट पर आई। जिसके पीछे-पीछे सचिन और उदयवीर ड्राइंग रूम में पहुंचे।
'सचिन तुम अंदर आओ'
ड्राइंग रूम में पहुंचते ही रिया बोली कि सचिन तुम बेडरूम में आओ। रेट तय होने पर सचिन ने रिया को 12 सौ रुपये और चंद्रशेखर की पत्नी पूनम को 500 रुपये दे दिए। बेडरूम में रिया और सचिन ही थे। पूनम ने जब कंडोम लाकर दिया तो सचिन ने चंद्रशेखर को थोड़ी देर के लिए घर से किसी तरह बाहर करने के लिए कह दिया कि मुझे दूसरी कंपनी का चाहिए। जिस पर रिया ने सचिन से चंद्रशेखर को 100 रुपये दिलवाए और चंद्रशेखर पैकेट लेने बाजार चला गया।
दोनों ने खेली खून की होली
रिया जब पूरी तरह नग्न अवस्था में बेड पर लेटी तो सचिन ने बिना मौका गंवाए उसके सीने में चाकू घोंप दिया। रिया चिल्लायी तो पूनम बेडरूम में दौड़कर पहुंची। उसके पीछे-पीछे उदय भी ड्राइंग रूम से पहुंच गया। सचिन जब रिया के शरीर पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर रहा था तो पूनम बाहर की तरफ दौड़ी तो उदय से टकरा गई। उदय ने उसे वहीं बेड के पास गिराकर चाकू से उसका गला रेत दिया। बेड पर रिया और नीचे फर्श पर पूनम तड़पने लगी। दोनों महिलाओं को एक बार फिर चाकू से फिर गोदा गया।
चलो अब सामान लूटते हैं
रिया और पूनम को कत्ल करने के बाद सचिन और उदय ने घर की अलमारियों से नकदी और जेवरात तलाशने शुरू किए। लेकिन काफी तलाश के बाद कुछ खास हाथ नहीं लगा।
एलसीडी से छुपाया खून
दोनों कातिलों के कपड़े खून से सने हुए थे। उन्होंने ड्राइंग रूम में लगी एलसीडी को उतारा और रिया की स्कूटी की चाबी उठकर चलने लगे। लेकिन चंद्रशेखर बाहर से मकान में ताला लगा गया था। दरवाजा नहीं हुआ तो दोनों आरोपी गुस्से में वहीं बैठ गए।
उसे भी मार डालेंगे
करीब 25 मिनट बाद चंद्रशेखर जब घर पहुंचा तो गेट खुलते ही दोनों अलर्ट हो गए। चंद्रशेखर के अंदर घुसते ही दोनों ने उसे ड्राइंग रूम में ही दबोच लिया और चाकू से काट डाला। उसके बाद रिया की स्कूटी पर बैठे और एलसीडी लेकर वहां से फरार हो गए। पोस्टमार्टम के दौरान चंद्रशेखर के कपड़े की जेब से वही पैकेट मिला था।
सराय लाल दास पहुंचे
वारदात के बाद दोनों रिया की स्कूटी से सरायलाल दास देहली गेट पहुंचे। जहां विक्की का पुराना मकान है। दोनों ने कपड़े बदले। उसके बाद विक्की ने घंटाघर स्थित एक होटल में अमित के नाम से कमरा बुक कराया। जहां सचिन और उदयवीर दो दिन रुके। उसके बाद हरिद्वार चले गए।
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